mp bamboo plantation subsidy scheme, mp bamboo plantation subsidy scheme registration, मध्य प्रदेश बाँस रोपण अनुदान योजना. mp rajya bamboo mission, mp bamboo plantation subsidy scheme eligibility, mp bamboo plantation subsidy amount, mp bamboo plantation subsidy scheme benefits, mp bamboo plantation subsidy scheme documents, kisan yojana, farmer scheme, mp govt scheme, state govt scheme, sarkari yojana,mukhyamantri yojana, pradhanmantri yojana
Table Of Content
MP Bamboo Plantation Subsidy Scheme 2022 मध्य प्रदेश बाँस रोपण अनुदान योजना 2022
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बाँस रोपण को बढ़ावा देने के लिए राज्य के तीन जिलों का चयन किया गया है। राज्य के हरदा, रीवा और देवास जिले को बाँस रोपण क्षेत्र के विकास के लिए एक जिला एक उत्पाद योजना के अंतर्गत चयन किया गया है। इन तीनों जिले के किसानों बाँस रोपण प्रोत्साहन हेतु राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान किया जाएगा।
इन जिलों में अगले पाँच वर्षों तक बाँस रोपण का कार्य करने की योजना बनायी गयी है। इसके अतिरिक्त इन जिलों के वन क्षेत्रों में पौधा रोपण क्षेत्र की फेंसिंग के लिए सीमेंट के पोल की जगह बाँस के पौधों का रोपण किया जाएगा।आइये जाने योजना से लाभ एवं सब्सिडी हेतु आवेदन की जानकारी।
MP Bamboo Plantation Subsidy Scheme Eligibility मध्य प्रदेश बाँस रोपण अनुदान योजना की पात्रता
- देवास, हरदा एवं रीवा जिले के सभी किसान
- जिन किसानों के पास अनुपजाऊ भूमि उपलब्ध हो
MP Bamboo Plantation Subsidy Scheme Documents मध्य प्रदेश बाँस रोपण अनुदान योजना डाक्यूमेंट्स
- निवास प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- अनुपजाऊ भूमि के दस्तावेज
- बैंक खाता के पहले पेज की फोटोकॉपी
MP Bamboo Plantation Subsidy Scheme Benefits मध्य प्रदेश बाँस रोपण अनुदान योजना के लाभ
- एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत प्रदेश के तीन राज्यों को बाँस रोपण क्षेत्र के रूप विकसित करने के लिए चुना गया है। ये जिले हैं – देवास, हरदा और रीवा।
- चयनित जिलों के कुल 4,000 हेक्टेयर भूमि पर बांस रोपण का कार्य 5 वर्ष की अवधि में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- राज्य बांस मिशन के अंतर्गत 2400 हेक्टेयर वन भूमि, 1600 हेक्टेयर किसानों की अनुपजाऊ निजी भूमि पर लगभग 17 लाख 55 हज़ार बाँस के पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है।
- किसानों को अपने अनुपजाऊ भूमि पर बाँस रोपण के सब्सिडी प्रदान किया जाएगा।
- बांस रोपण हेतु चयनित तीनों जिलों के कुल 3,500 किसानों और बाँस शिल्पियों के कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
MP Bamboo Plantation Subsidy Amount मध्य प्रदेश बाँस रोपण अनुदान की राशि
योजना के तहत बाँस रोपण की कुल लागत का 50 % अनुदान दिया जाएगा। गौरतलब है कि बाँस रोपण की प्रति पौधे की लागत अनुमानतः रु 240 आती है अतः अनुदान की राशि रु 120 प्रति पौधा के आधार पर वितरित किया जाएगा।
अनुदान राशि प्रति पौधे का वितरण तीन वर्षों में इस प्रकार वितरित किया जाएगा :
प्रथम वर्ष की किश्त दो भागों में जायेगी –
- प्रथम किश्त प्रति पौधा रोपण के सत्यापन के बाद रु 36 प्रति पौधा के हिसाब से प्रदान की जायेगी।
- दूसरी किश्त प्रति पौधा रोपण के चार महीने बाद प्रति जीवित पौधों के हिसाब से रु 24 प्रति पौधा वितरित की जायेगी।
द्वितीय वर्ष की किश्त नवंम्बर -दिसंबर महीने में कुल रोपित पौधे का कम से कम 80 % जीवित होने की दशा में रु 36 प्रति पौधे के हिसाब से वितरित किया जाएगा।
तीसरे वर्ष की किश्त नवम्बर -दिसंबर महीने में 100 % जीवित पौधों के आधार पर रु 24 प्रति पौधों के हिसाब से वितरित किया जाएगा।
MP Bamboo Plantation Subsidy Scheme Registration मध्य प्रदेश बाँस रोपण अनुदान योजना रजिस्ट्रेशन
- राज्य बाँस मिशन के तहत अनुदान का लाभ प्राप्त करने के लिए मध्य प्रदेश राज्य बाँस मिशन कार्यालय से संपर्क करना होगा।
- योजना में रजिस्ट्रेशन का आवेदन फॉर्म State Bamboo Mission वेबपोर्टल से डाउनलोड किया जा सकता है।
- फॉर्म में सभी सूचनाएं दर्ज करने और आवश्यक दस्तावेज संलग्न करने के बाद मध्य प्रदेश राज्य बाँस मिशन कार्यालय में जमा करना होगा।
- इसके बाद कार्यालय अधिकारी द्वारा पात्रता जाँच करने के बाद योजना के लक्ष्य को पूरा करने की निर्धारित सीमा के अनुसार किसानों का चयन सब्सिडी के लिए किया जाएगा।
मध्य प्रदेश बाँस रोपण अनुदान योजना पीडीएफ डाउनलोड लिंक
मध्य प्रदेश बाँस रोपण अनुदान योजना रजिस्ट्रेशन फॉर्म डाउनलोड लिंक
योजना से सम्बंधित समस्या समाधान के लिए नीचे दिए फोन नंबर पर कॉल किया जा सकता है :
0755 -2555524/23, 9630929188.
अधिक जानकारी के लिए विडियो देखिये For more information watch video below:
अन्य योजनाएं पढ़िए हिंदी में :
बिहार बीज अनुदान योजना 2022 ऑनलाइन आवेदन
दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2022