Nadini Krishak Samriddhi Yojana नंदिनी कृषक समृद्धि योजना

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Nadini Krishak Samriddhi Yojana नंदिनी कृषक समृद्धि योजना

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में नन्द बाबा दुग्ध मिशन संचालित की गयी है। योजना का उद्देश्य प्रदेश में डेरी उद्योग को बढ़ावा देना है। गौरतलब है दुग्ध उतपादकता में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है। किन्तु प्रति पशु उत्पादकता पंजाब एवं हरियाणा के मुकाबले कम है। अतः आगामी 5 वर्षों में भी अग्रणी राज्य बनाये रखने के उद्देश्य से नन्द बाबा दुग्ध मिशन के अंतर्गत तीन महत्वपूर्ण योजनाओं मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन , मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन एवं नंदिनी कृषक समृद्धि योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया है।

पशुपालको को देश के अन्य प्रदेशो से स्वदेशी उन्नत नस्ल के गायों के क्रय हेतु प्रोत्साहन के लिए स्वदेशी गौ संवर्धन योजना, उच्च गुणवत्ता एवं उत्पादकता वाली देशी गायों को पालने की प्रवृत्ति को प्रोत्साहन हेतु प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना और पशुओं के नस्ल में सुधार एवं दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि के के माध्यम से पशुपालकों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से  नंदिनी कृषक समृद्धि योजना का संचालन किया गया है।  इस लेख में हम “नंदिनी कृषक समृद्धि योजना” का लाभ प्राप्त करने से सम्बंधित जानकारी आपके साथ शेयर करेंगे।

 

Yojana ka Uddeshya योजना का उद्देश्य

  • उच्च दुग्ध उत्पादन क्षमता वाले गौवंश की संख्या में वृद्धि करना।
  • प्रदेश के पशुपालकों के लिए उच्च दुग्ध उत्पादन क्षमता वाले पशुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
  • पशुपालकों की आय में वृद्धि करना।
  • प्रदेश में नई दुग्ध सहकारी समितियां गठित करना जिससे दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध का उचित मूल्य प्राप्त हो सके।
  • ग्रामीण अंचलों में रोजगार के अवसर बढ़ाने का प्रयास करना।
  • उन्नत नस्ल की दुधारू गायों की इकाइयां स्थापित करने को प्रोत्साहित करने के लिए परियोजना लागत का 50 % अनुदान प्रदान करना है।

 

Amount of grant payable for setting up milk units  दुग्ध इकाइयां स्थापित करने के लिए देय अनुदान की राशि

योजना के तहत परियोजना के दो विकल्प निर्धारित किये गए हैं। पशुपालक किसान किसी भी एक विकल्प के अंतर्गत प्रदेश के बाहर से क्रय की गयी उन्नत नस्ल की गौवंश की इकाई स्थापित करने पर परियोजना लागत का अधिकतम  50 % अनुदान प्राप्त कर सकेंगे। जो कि इस प्रकार है –

  • रु 62,50,000 लागत से साहीवाल /थारपारकर /गिर नस्ल की अधिकतम 25 गौवंश की इकाई स्थापित करने पर परयोजना लागत का रु 31,25,000 अनुदान प्राप्त होगा।
  • साहीवाल /थारपारकर /गिर नस्ल की 25 गौवंश की इकाई हेतु प्रति गौवंश की कीमत रु 1 लाख के आधार पर अनुदान की राशि का आँकलन किया जाएगा।
  • रु 61,00,000 लागत से साहीवाल /थारपारकर /गिर नस्ल की अधिकतम 20 गौवंश के साथ गंगातीरी नस्ल की अधिकतम 5 गौवंश की इकाई स्थापित करने पर परयोजना लागत का रु 30,50,000 अनुदान प्राप्त होगा।
  • गंगातीरी नस्ल की प्रति गौवंश की कीमत रु 70,000 प्रति गौवंश के आधार पर अनुदान की राशि का आँकलन किया जाएगा।

 

Main points of the Scheme  योजना की मुख्य बिंदु 

  1. योजना के तहत वर्ष 2023 -24 में 25 दुधारू गायों की 35 इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  2. प्रथम चरण में उत्तर प्रदेश के अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, झाँसी, मेरठ, आगरा, कानपुर एवं बरेली दस जनपदों में योजना संचालित की जायेगी।
  3. गौवंश इकाई में साहीवाल,थारपारकर, गिर नस्ल और गंगातीरी नस्ल की ही गाय शामिल करना आवश्यक होगा। किन्तु गंगातीरी नस्ल की अधिकतम 5 गाय शामिल किया जा सकेगा।
  4. अनुदान की राशि का आँकलन गौवंश के क्रय मूल्य एवं इकाई स्थापना एवं संचालन पर व्यय के आधार पर किया जाएगा।

 

Eligibility Criteria पात्रता मानदंड 

  • उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए।
  • गाय अथवा भैंस पालन का न्यूनतम तीन वर्षों का अनुभव होना चाहिए।
  • इकाई स्थापना के लिए लगभग 0. 5 एकड़ भूमि होना आवश्यक है।
  • 1 .5 एकड़ भूमि चारा उत्पादन के लिए आवेदक के नाम पर अथवा पैतृक /साझेदारी अथवा न्यूनतम 7 वर्षों के अनुबंध पर पंजीकृत होना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त भूमि गौपालन इकाई स्थापना के अनुकूल हो यानी जलभराव की समस्या से मुक्त होना चाहिए।
  • पूर्व में संचालित कामधेनु / मिनी कामधेनु /माइक्रो कामधेनु योजना के लाभार्थियों को योजना में आवेदन का पात्र नहीं माना जायेगा।

 

Documents required for application आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज 

  • पैन कार्ड
  • आधार कार्ड
  • स्थानीय मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा जारी गाय अथवा भैंस पालन में न्यूनतम तीन वर्षों का अनुभव प्रमाण पत्र।
  • इकाई स्थापना के लिए लगभग 0. 5 एकड़ भूमि होने के प्रमाण के तौर पर भूमि से सम्बंधित दस्तावेज।
  • पशु चारा उत्पादन के लिए 1 .5 एकड़ भूमि के प्रमाण के तौर पर भूमि सम्बंधित दस्तावेज।
  • पूर्व में संचालित कामधेनु / मिनी कामधेनु /माइक्रो कामधेनु योजना का लाभ नहीं प्राप्त होने से सम्बंधित स्व प्रमाणित घोषणा पत्र।

 

Nadini Krishak Samriddhi Yojana Application Process नंदिनी कृषक समृद्धि योजना आवेदन प्रक्रिया 

  • योजना के अंतर्गत दुग्ध इकाई स्थापना पर अनुदान का लाभ प्राप्त करने के लिए ऑफलाइन या ऑनलाइन आवेदन से सम्बंधित सूचना नहीं जारी की गयी है।
  • योजना में आवेदन से सम्बंधित आवेदन फॉर्म में सभी सूचनाएं दर्ज करने और आवश्यक दस्तावेज की फोटोकॉपी संलग्न करने के बाद अपने जनपद के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अथवा मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में जमा करना होगा।
  • ऑफलाइन आवेदन से सम्बंधित जानकारी के लिए जनपद के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अथवा मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय से संपर्क स्थापित किया जा सकता है।
  • योजना में ऑनलाइन आवेदन लिंक की जानकारी के लिए दुग्धशाला विकास विभाग, उत्तर प्रदेश वेबपोर्टल पर जाँचते रहना होगा।

 

नंदिनी कृषक समृद्धि योजना पीडीएफ डाउनलोड लिंक।

 

अधिक जानकारी के लिए विडियो देखिये  For more information watch video below:

 

 

 

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न :

 

नंदिनी कृषक समृद्धि योजना में आवेदन कैसे करें ?

योजना में आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से स्वीकार किया जा सकता है फिलहाल आवेदन फॉर्म से सम्बंधित कोई सूचना जारी नहीं की गयी है।

 

नंदिनी कृषक समृद्धि योजना किस प्रदेश में लागू होगी ?

यह योजना उत्तर प्रदेश में लागू होगी। जारी किये गए योजना के डिश निर्देश के अनुसार वर्ष 2023 -24 में योजना के प्रथम चरण के अंतर्गत दस जनपदों अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, झाँसी, मेरठ, आगरा, कानपुर एवं बरेली में योजना संचालित की जायेगी।

 

नंदिनी कृषक समृद्धि योजना से क्या लाभ प्राप्त होगा ?

योजना अंतर्गत प्रदेश के बाहर से क्रय की गयी उन्नत नस्ल की दुधारू गायों की इकाइयां स्थापित करने पर परियोजना लागत का 50 % अनुदान प्राप्त होगा है।

 

नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के अंतर्गत इकाई स्थापना के लिए कौन -कौन से नस्ल की गायों को शामिल किया जा सकेगा ?

गौवंश इकाई में साहीवाल,थारपारकर, गिर नस्ल और गंगातीरी नस्ल की ही गाय शामिल किया जा सकेगा।

 

 

 

 

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