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Modi Govt Mission Apple Scheme मोदी सरकार की मिशन एप्पल योजना
जम्मू – कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद मोदी सरकार विकास मिशन की योजनायें बना रही है। मिशन विकास के अंतर्गत जम्मू -कश्मीर के लिए मिशन एप्पल योजना का संचालन किया गया है। योजना के तहत किसानों एवं मंडियों से सीधे सेब की खरीदारी सरकारी एजेंसी NAFED के माध्यम से किया जाएगा। किसानों को उनके सेब की कीमत सीधे उनके बैंक खाते में प्राप्त हो जायेगी। इसके बाद कश्मीरी सेब की सप्लाई देश -विदेश की मंडियों में की जायेगी। इससे किसानों को सीधा लाभ प्राप्त होगा। मिशन एप्पल के तहत जम्मू -कश्मीर के किसानो से 12 लाख मीट्रिक टन सेब खरीदे जायेंगे। जिसके फलस्वरूप घाटी के किसानो की आमदनी में 2000 करोड़ रूपये की वृद्धि होने का अनुमान है। योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा स्पेशल मार्किट इंटरवेंशन प्राइस स्कीम (MISP) लागू किये जाने की संभावना है।
मिशन एप्पल योजना का संचालन कृषि मंत्रालय, गृह मंत्रालय और केन्द्रीय एजेंसी नेशनल एग्रीकल्चरल कोआपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (NAFED) के सम्मलित सहयोग से किया जाएगा। योजना का उद्देश्य जम्मू -कश्मीर के किसानों की आय में वृद्धि करना है। योजना के तहत सरकार द्वारा सेब की कीमत तय की जायेगी। इसके लिए सेब को क्वालिटी के आधार पर A, B, C श्रेणी में बांटा जाएगा। फिर निर्धारित मूल्य पर केन्द्रीय एजेंसियों के माध्यम से सरकार किसानो और सेब मंडियों से सीधे सेब खरीद कर उसका मूल्य किसानो के बैंक खाए में ट्रान्सफर करेगी। योजना के अनुसार बारामूला, शोपियां, श्रीनगर और अनंतनाग की मंडियों से सेब की खरीददारी की जायेगी।
Features of Mission Apple Scheme मिशन एप्पल योजना की विशेषताएं
- केन्द्रीय कृषि मंत्रालय, गृह मंत्रालय और NAFED एजेंसी के सहयोग से योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।
- योजना के तहत जम्मू -कश्मीर के किसानों से सेब 1 सितम्बर 2019 से लेकर 1 मार्च 2020 तक खरीदा जाएगा। इस 6 महीने की अवधि के लिए योजना के तहत रु 8000 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है।
- मिशन एप्पल योजना के तहत इस सीजन के सेब की खरीददारी का कार्य 15 दिसंबर 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा।
- सेब का मूल्य तय करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कमेठी का गठन किया गया है। इस कमेठी के अध्यक्ष चीफ सेक्रेटरी होंगे।
- कमिटी द्वारा सेब की क्वालिटी के आधार पर A, B, C कटेगरी में सेब को बाँटकर मूल्य का निर्धारण किया जाएगा।
- कृषि मंत्रालय के साथ मिलकर सरकारी एजेंसी NAFED द्वारा सेब जम्मू -कश्मीर की मंडी से खरीदा जाएगा।
- शुरुआत में श्रीनगर, शोपियां, सोपोर की मंडीयों से सेब किसानों से सीधे खरीदा जाएगा।
- राज्य सरकार सेब उत्पादक किसानों के बैंक खाते की जानकारी उपलब्ध कराएगी।
- सेब की कीमत किसानों के बैंक खाते में ट्रान्सफर किया जाएगा।
- इस योजना के संचालन से किसानों को सेब का उचित मूल्य प्राप्त होगा। अनुमान है कि किसानों की कुल आय में रु 2000 करोड़ तक की वृद्धि होगी।
- जिससे किसान सेब उत्पादन के कार्य के लिए प्रोत्साहित होंगे।
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