Uttar Pradesh:Self-reliant Farmer Integrated Development Scheme उत्तर प्रदेश:आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना

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Uttar PradeshSelf-reliant Farmer Integrated Development Scheme उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 30 सितम्बर 2021 को किसानों की आय दोगुनी करने के मिशन के उद्दशेय से आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना की शुरुआत की गयी। इस योजना का उद्देश्य ‘किसान उत्पादन संगठन’ के माध्यम से किसानों को फ़सल उत्पादन, फ़सल की कटाई एवं मार्केटिंग से सम्बंधित सुविधा प्रदान करना है। जिससे राज्य के छोटे, सीमांत एवं भूमिहीन किसानो को आधुनिक कृषि तकनीक एवं ऋण की सुविधा की जानकारी के साथ ही विस्तृत कृषि बाज़ारों तक पहुँच बनाने में मद्द मिल सके, फलस्वरूप किसानो की आय में वृद्धि करने के लक्ष्य को पूरा किया जा सके।

योगी सरकार द्वारा आतमनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना पर 2021-22 से 2031-32 तक की अवधि में कुल १२२०।९२ करोड़ रुपए ख़र्च आने का अनुमान लगाया गया है। जिसमें से चालू वित्तीय वर्ष के रु 100 करोड़ जारी कर दिया गया है। योजना के तहत कुल 2725 कृषक उत्पादक संगठन (FPO) का गठन इय जाएगा जिससे राज्य के लगभग 27 लाख शेयरहोल्डर किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।आइए जाने योजना से किसान को क्या लाभ होगा?

UP: Self-reliant Farmer Integrated Development Scheme Benefits उत्तर प्रदेश: आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना के लाभ 

आगामी तीन वर्षों में 14.75 लाख किसानों को लाभ 

प्रदेश के कृषि विकास अधिकारी के अनुसार किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से प्रत्येक ब्लाक में कम से कम एक कृषक उत्पादक संगठन की स्थापना की जाएगी। इस लक्ष्य की पूर्ति हेतु वर्ष 2021-22 में 225, वर्ष 2022-23 में 625 एवं 2023-24 में 625 कृषक  उत्पादक संगठन स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। इस प्रकार आगामी तीन वर्षों में कुल 1475 एफपीओ की स्थापना हो सकेगी। अर्थात वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंत तक प्रदेश के प्रत्येक विकास खंड में कम से कम तीन कृषक उत्पादक संगठन की स्थापना हो जाएगी। जिससे आगामी तीन वर्षों में 14.75 लाख किसानों को प्रत्यक्ष लाभ पहुँचेगा।

वर्तमान में प्रदेश के कुल 824 ब्लाक में से 408 ब्लॉक्स में 693 एफपीओ का गठन किया गया है। प्रत्येक एफपीओ से औसतन 500-1000 किसान जुड़े होते हैं।

एफपीओ से जुड़े किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण मिलेगा 

कृषक उत्पादक संगठन से जुड़े किसानों को रु 5 लाख के ऋण पर 4% की सब्सिडी प्राप्त होगी इसके अतिरिक्त कृषक उत्पादक संगठन को फ़सल कटाई के बाद की अवसंरचना के बुनियादी सृजन के लिए ३% ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध होगी। जिससे प्रत्येक एफपीओ से जुड़े 500 से 1000 किसानों को लाभ होगा और प्रत्येक वर्ष लगभग ३००० नए रोज़गार का सृजन होगा।

योजना के तहत किसानों के सामूहिक व्यापारिक संगठन को एफपीओ बनाने के लिए 5 वर्षों के लिए 5 लाख रुपए और नवगठित एफपीओ को 3 वर्षों के लिए रु 6 लाख  वार्षिक ऋण की सुविधा दी जाएगी।

किसानों को फ़सल कटाई के बाद  बीज, खाद एवं अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने वाली कृषि सहकारी समितियाँ (PACS)  ऋण पर मार्जिन मनी की सुविधा उपलब्ध न होने के कारण कृषि अधोसंरचना कोष (AIF) की योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाती थी। अब प्रदेश की 1500 कृषि सहकारी समितियाँ किसानों को लाभ पहुँचाने में सक्षम हो सकेंगी।

राज्य सरकार कृषि सहकारी समितियों को 20 लाख रुपए की प्रोजेक्ट पर रु 4 लाख रुपए मार्जिन मनी के तौर पर देगी, जबकि कृषि अधोसंरचना कोष रु १६ लाख देगी और इस ऋण पर ब्याज दर 1% होगा। जिससे कृषि सहकारी समितियाँ किसानों को अनाज भंडारण की सुविधा देने के लिए गोदाम बना सकेंगी। इससे किसान अपने फ़सल को बिक्री तक सुरक्षित रख सकेगा। इसके अतिरिक्त मंडी परिषद भी कृषि अधोसंरचना कोष से केवल 3% ब्याज दर पर ऋण प्राप्त कर संसाधनों को बढ़ा सकेगा।

किसानों के आय में वृद्धि होगी 

संक्षेप में कहे तो आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना का उद्देश्य किसानों फ़सल के भंडारण, किफ़ायती क़ीमत पर उन्नत बीज, खाद एवं आधुनिक तकनीक के उपयोग से कृषि कार्य में मद्द पहुँचाना है। इसके लिए कृषक उत्पादक संगठनों के माध्यम से प्रदेश के सीमांत ,लघु एवं भूमिहीन किसानों के लाभ पहचाने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए प्रदेश के हर ब्लाक में एफपीओ की स्थापना की जाएगी और अन्य सामूहिक कृषक संगठनों को एफपीओ स्थापित करने के लिए सस्ते ब्याज दर पर ऋण की सुविधा मुहैया करवायी जाएगी। एफपीओ से जुड़े किसानों को कृषि कार्यों में मद्द के साथ हीं अपने फ़सलों की बिक्री के लिए सामूहिक रूप से मोल -भाव करने की ताक़त मिलेगी। जिससे उन्हें अपनी फ़सल का उचित मूल्य मिल सकेगा। परिणामस्वरूप आर्थिक रूप से पिछड़े किसानों की आय में वृद्धि हो सकेगी।

योजना की जानकारी का स्त्रोत

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