Madhya Pradesh Ke Udyog : Most Asked GK Question Series

मध्यप्रदेश में उद्योग

मध्यप्रदेश खनिज संसाधनों की दृष्टि से उन्नत होने के बावजूद उद्योगों की दृष्टि से पिछड़ा प्रदेश है परंतु राज्य में उद्योगों के विकास में निरंतर प्रगति हो रही है राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में वित्तीय क्षेत्र उद्योग का योगदान वर्ष 2004-05 के बाद 27.15%प्रतिशत की तुलना में बढ़कर वर्ष 2012- 13 मैं 28.15% परसेंट तथा वर्ष 2013 -14 तिवारी तनु मनु के अनुसार 27.82% परसेंट आ गया है

विगत वर्षों में प्रदेश में औद्योगिक विकास से जुड़ी अभिनव योजनाओं स्पेशल इकोनॉमिक जोन क्रिस्टल आईटी पार्क ,रेडीमेड ,)गारमेंट कॉन्प्लेक्स ,अपैरल पाक फॉर एक्सपोर्ट ,इत्यादि की स्वीकृति होकर क्रियान्वयन प्रारंभ हुआ ! मध्य प्रदेश में औद्योगिक विकास निगम की स्थापना भोपाल में सितंबर 1965 में सार्वजनिक उद्योग वित्तीय सहायता एवं नवीन उद्योग को प्रोत्साहन करने के लिए उद्देश्य से की गई !

राज्य के प्रमुख उद्योग 👇
मध्य प्रदेश के विभिन्न भागों में उपयुक्त दशाओं के आधार पर भिन्न भिन्न उद्योगों की स्थापना की गई है राज्य में स्थापित उद्योगों को प्रयुक्त होने वाले कच्चे पदार्थों के आधार पर निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है

कृषि पर आधारित उद्योग 👇👇
प्र देश में सर्वप्रथम कृषि पर आधारित उद्योग की स्थापना की गई थी 1980 के दशक तक राज्य में कृषि पर आधारित उद्योगों में सूती वस्त्र उद्योग की प्रधानता थी परंतु वर्तमान में कृषि पर आधारित उद्योग में वनस्पति तेल चीनी मिल आदि की प्रधानता है !

राज्य में कृषि पर आधारित प्रमुख उद्योग निम्नलिखित हैं !
👉🏻चीनी उद्योग
मध्य प्रदेश में सबसे पहले चीनी मिल वर्ष 1934 में जावरा रतलाम में लगाई गई थी वर्तमान में प्रदेश में चीनी मिलों की संख्या 15 है जिनकी दैनिक गन्ना पेरने की क्षमता लगभग 3578 1000 टर्न है चीनी मिलों की स्थापना मध्य प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में अधिक हुई है क्योंकि गन्ना उत्पादक जिले इस क्षेत्र में स्थित हैं प्रदेश का सबसे बड़ा चीनी कारखाना बरलाई सिहोर में स्थित है प्रदेश के मुख्य चीनी कारखाने भोपाल शुगर मिल सिहोर जावरा सुगरमिल गवालियर जीवाजी राव शुगर मिल मंदसौर जावरा सुगरमिल रतलाम आदमी हैं !

👉🏻 वनस्पति घी
राज्य में तिलहन एवं सोयाबीन की कृषि व्यापक पैमाने पर की जाती है फलस्वरूप राज्य में वनस्पति घी बनाने की मिलें की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है वर्तमान में प्रदेश में तेरे आशिक तेल तथा सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन कि मिले हैं और 10 वनस्पति घी के कारखाने हैं वनस्पति घी बनाने के अधिकतर कारखाने तिलहन उत्पादक क्षेत्रों मालवा पठार बेतूल छिंदवाड़ा पठार मध्य नर्मदा घाटी चंबल की घाटी क्षेत्र में लगाए गए हैं प्रदेश के प्रमुख वनस्पति की के कारखाने गंजबासौदा जबलपुर खंडवा ग्वालियर इंदौर गौर मुरैना में स्थित है”

👉🏻 सूती कपड़ा उद्योग
यह प्रदेश का सबसे बड़ा उद्योग है प्रदेश में सबसे पहले सूती वस्त्र कपड़ा मिल बुरहानपुर वर्ष 1906 में स्थापित की गई थी वर्तमान में बारिश सूती कपड़े की मिल और लगभग 513 कारखाने राज्य में कार्यरत है इंदौर राज्य का सबसे बड़ा उत्पादक केंद्र है इस उद्योग के लिए वर्धा एवं पूर्णा नदी घाटी उसे कपास बरोड़ा खानों से कोयला और चंबल परियोजना से सस्ती विद्युत प्राप्त होती है सूती वस्त्र उद्योग राज्य में पश्चिमी कपास उत्पादक जिलों में केंद्रित है प्रदेश के प्रमुख सूती वस्त्र केंद्र इंदौर ग्वालियर एवं उज्जैन आदि हैं वर्तमान में इस उद्योग की जगह कृतिम रेशे लेते जा रहे हैं क्योंकि इनका कच्चा माल सस्ता एवं सरवत्र से सुलाभ है

👉🏻 कृत्रिम रेशे का कपड़ा उद्योग
मध्यप्रदेश में कृषि प्रदेश का नक्शा कृतिम रेशा से कपड़ा बनाने का उद्योग अपेक्षाकृत नवीन उद्योग इसके लिए कच्चा माल मुंबई एवं गवालियर तथा देवास की कृत्रिम रेशा उत्पादक मीलों से प्राप्त होता है प्रदेश में प्रमुख प्रतिनिधि सा कपड़ा उत्पादक केंद्र इंदौर .ग्वालियर .नागदा . उज्जैन तथा देवास है!

कृषि उद्योग विकास निगम द्वारा स्थापित कृषि पर आधारित उद्योग👇👇

कृषि पर आधारित उद्योग :- जीवाणु खाद सँयंत्र
मुख्यालय :- भोपाल
प्रमुख उत्पादन :- जीवाणु खाद तैयार की जाती है!

कृषि पर आधारित उद्योग :- कीटनाशक
मुख्यालय :- बीना
प्रमुख उत्पादन :- 10000 टन पाउडर एवं 100000 लीटर तरल कीटनाशक ओषधि का निर्माण किया जाता है

कृषि पर आधारित उद्योग :- आयल मिल
मुख्यालय :- मुरैना
प्रमुख उत्पादन :- 25 लाख टन सरसों वार्षिक पिसाई का कारखाना स्थापित किया गया है

कृषि पर आधारित उद्योग :- दानेदार मिश्रित खाद सँयंत्र
मुख्यालय :- होशंगाबाद
प्रमुख उत्पादन :- यह कारखाना 60 ह्जार टन वार्षिक दानेदार मिश्रित खाद का निर्माण करता है

कृषि पर आधारित उद्योग :- फल व सब्जी संरक्षण एवं प्रक्रिया इकाई
मुख्यालय :- भोपाल
प्रमुख उत्पादन :- यहां पर फलों एवं सब्जियों का संरक्षण तथा उनसे

कृषि पर आधारित उद्योग :- डेरी फार्म
मुख्यालय :- होशंगाबाद
प्रमुख उत्पादन :- दुग्ध उत्पादन

कृषि पर आधारित उद्योग :- पोषण आहार संयंत्र
मुख्यालय :- धार
प्रमुख उत्पादन :- पोषण आहार का उत्पादन किया जाता है

कृषि पर आधारित उद्योग :- एग्रो इंडस्ट्रियल कांप्लेक्स एवं निर्माण इकाइयां
मुख्यालय :-
प्रमुख उत्पादन :- बायोगैस संयंत्र ड्रम सोलर कुकर अन्न भंडारण कोठियां ट्रैक्टर एवं बैल चलित कृषि उपकरण बैलगाड़ियां!

खनिजों पर आधारित उद्योग
राज्य में खनिज पर आधारित उद्योग की स्थापना अधिकतर पश्चिमी मध्यप्रदेश में की गई है आधारभूत धात्विक उद्योगों के प्रमुख केंद्र पीथमपुर धार देवास इंदौर रतलाम मंडीदीप राजगढ़ झाबुआ आदि हैं!

मध्यप्रदेश के खनिज पर आधारित प्रमुख उद्योग निम्नलिखित है!
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👉🏻 चीनी मिट्टी उद्योग
मध्य प्रदेश में चीनी मिट्टी पर्याप्त रूप से उपलब्ध है यही कारण है कि प्रदेश में चीनी मिट्टी उद्योग में तेजी से वृद्धि हुई है प्रदेश में गवालियर जबलपुर तथा रतलाम आदि क्षेत्रों में चीनी मिट्टी के बर्तन बनाने के उद्योग स्थापित है! राज्य में फायर क्ले इंटें . पाईप तथा बेसिन आदि कटनी एवं जबलपुर में बनाए जाते हैं!

👉🏻 भारी विद्युत उपकरण
प्रदेश की राजधानी भोपाल में वर्ष 1960में ब्रिटेन की सहायता से बिजली का भारी समान बनाने का कारखाना लगाया गया था इसे भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स बीएचईएल के नाम से जाना जाता है ! इस कारखाने में ट्रांसफार्मर कैपिसिटर स्विच गियर इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन एवं इंडस्ट्रियल मोटर जैसे परिष्करण बनाए जाते हैं!

👉🏻 सीमेंट उद्योग
मध्यप्रदेश में चूना पत्थर के भंडार बड़े पैमाने पर पाए जाते हैं जिससे प्रदेश में सीमेंट उद्योग की स्थापना में प्रगति हुई है राज्य में पहला सीमेंट कारखाना इस एसीसी द्वारा बानमोर मुरैना में वर्ष 1923 में स्थापित किया गया वर्तमान में कैमूर सतना मेहर नीमच सहित प्रदेश में 23 सीमेंट कारखाने उत्पादन कर रहे हैं !

➡मध्यप्रदेश में सीमेंट उद्योग
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फैक्ट्री :- बानमोर 1922 (क्षमता 60 हजार मी. टन)
स्थिति :- बानमोर (मुरैना)
स्वामित्व :- एसोसिएटेड सीमेंट कंपनी (एसीसी)
उत्पादन :- आद्रा विधि द्वारा साधारण पोर्टलैंड सीमेंट

फैक्ट्री :- कैमूर 1923 (क्षमता 8लाख मीटर टन)
स्थिति :- कैमोर( कटनी के समीप)
स्वामित्व :- एसीसी
उत्पादन :- आद्र विधि द्वारा साधारण पोर्टलैंड एवं प्रोत्सलाना सीमेंट तथा एस्बेस्टस चादर

फैक्ट्री :-स्तना (1959)( क्षमता 6 लाख मी.टन)
स्थिति :-सतना
स्वामित्व :- बीड़ला जूट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड
उत्पादन :- आद्र विधि द्वारा साधारण पोर्टलैंड सीमेंट

फैक्ट्री :- नीमच 1980-81
स्थिति :-चार लाख मी. टन
स्वामित्व :- सीमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया
उत्पादन :- ??

फैक्ट्री :- मैहर 1980 81 क्षमता 75000 मी टन
स्थिति :- मेहर ( सतना)
स्वामित्व :- ??
उत्पादन :- ??

वनों पर आधारित उद्योग
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प्रदेश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल के लगभग 30 दशमलव 72 प्रतिशत वन पाए जाते हैं राज्य में वन आधारित उद्योग का पर्याप्त विकास नहीं हुआ है क्योंकि वन संरक्षण को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है

प्रदेश में वन आधारित प्रमुख उद्योग निम्नलिखित हैं!👇

👉कागज उद्योग
राज्य में कागज उद्योग की स्थापना सर्वप्रथम 1956 में की गई थी जब खंडवा में नेपाल नगर में नेशनल न्यूज़ प्रिंट एंड पेपर मिल की स्थापना की गई थी वर्तमान में राज्य में 9 कागज बनाने वाले संयंत्र पंजीकृत हैं जोब विविध प्रकार के कागज और इस तरह बनाते हैं एस्ट्रो बनाते हैं राज्य में शहडोल जिले के अमलाई स्थान पर निजी क्षेत्र में स्थापित ओरिएंट पेपर मिल सबसे प्रमुख है राज्य में सलाई की लकड़ी एवं अन्य कच्चा माल पर्याप्त होने के कारण कागज उद्योग का विकास हुआ है अखबारी कागज का कारखाना बुरहानपुर जिले में स्थित है

👉वीडीउद्योग
प्रदेश में तेंदूपत्ता का संग्रहण देश में सर्वाधिक होता है यही कारण है कि विडी उद्योग का विकास जबलपुर सागर कटनी दमोह तथा सतना में हुआ है प्रदेश में बीड़ी बनाने के लगभग 260कारखाने कार्यरत हैं!

👉लकड़ी उद्योग
राज्य के छिंदवाड़ा तथा मंडला में इमारती लकड़ी को चिढ़ाने के कारखाने कार्यरत हैं वर्तमान में लगभग 113 कारखाने प्रदेश में इस उद्योग में लगे हुए हैं

👉कत्था उद्योग
खेर वृक्ष से कत्था बनाने का कार्य पूर्वी मध्य प्रदेश की खेरवार जनजाति द्वारा किया जाता है शिवपुरी एवं बानमोर में भी कथा उत्पादक इकाइयां उत्पादन कर रही हैं

👉लाख उद्योग
राज्य के विंध्य क्षेत्र में लघु उद्योग का केंद्रीकरण है कच्चे लाख से सिड लाख तथा सेलाख बनाने का शासकीय कारखाना उमरिया में है लाख का प्रयोग चमड़े पर मरने सुंदर उद्योग आदि में किया जाता है

👉चिप एवं माचिस डिब्बी उद्योग
चित्र बोर्ड एवं पार्टिकल बोर्ड बनाने का कारखाना इटारसी में तथा माचिस की डिब्बी बनाने का कारखाना ग्वालियर में स्थापित है यह कारखाने स्थानीय कच्चे माल का प्रयोग करते हैं