National Biofuel Policy 2021 राष्ट्रीय जैव ईंधन निति 2021

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नेशनल बायोफ्यूल निति PICS

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National Biofuel Policy 2021राष्ट्रीय जैव ईंधन निति 2021

मोदी सरकार के मेक इन इंडिया मिशन एवं स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश में राष्ट्रीय जैव ईंधन (बायोफ्यूल ) निति का संचालन किया गया है। इस योजना की घोषणा केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा  4 जून 2018 को किया गया है। योजना के तहत पेट्रोल में एथेनॉल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अनुपयुक्त अनाज, सड़े आलू , तैलीय बीज, गन्ने का रस आदि को एथेनॉल के उत्पादन के लिए उपयोग किये जाने की अनुमति दी गयी है। इस निति के लागू होने से तेल आयात में खर्च होने वाले रूपए 4000 करोड़ की बचत होने का अनुमान लगाया गया है। ज्ञात हो कि वर्ष 2018 में देश भर में गन्ना एवं अनाज के भरपूर उत्पादन को देखते हुए एथेनॉल के उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस निति के सफल होने से मोदी सरकार के मिशन वर्ष “2022 तक किसानों की आय दुगुनी” करने का सपना सच हो सकेगा। आइये जाने इस निति की पूरी जानकारी।

National Biofuel Policy kya Hai  राष्ट्रीय जैव ईंधन निति क्या है 

जैव ईंधन को तीन वर्गों में बाँट कर उत्पादन की निति तैयार की गई है – बेसिक बायोफ्यूल , एडवांस बायोफ्यूल , बायो सीएनजी।

  • बेसिक बायोफ्यूल श्रेणी –  गन्ने का रस, चुकंदर, सड़े आलू ,भुट्टा , कसावा , सड़े हुए अनाज, मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त टूटे हुए चावल, आटा आदि के उपयोग से एथेनॉल के उत्पादन का दायरा विस्तृत किया गया है।
  •  एडवांस बायोफ्यूल श्रेणी – शहरी ठोस कुढ़े -कचरे से एथेनॉल का  उत्पादन किया जाएगा।
  • बायो सीएनजी को श्रेणीबद्ध किया गया है।

केंद्री पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस  मंत्री रवि शंकर प्रसाद के अनुसार वर्ष 2017- 18 में इन संसाधनों के प्रयोग से लगभग 150 करोड़ लीटर जैव ईंधन का उत्पादन करने का लक्ष्य हासिल हो सकने की उम्मीद है।

National Biofuel Policy ki Mukhya Bindu राष्ट्रीय जैव ईंधन निति की मुख्य बिंदु 

  • राष्ट्रिय जैव ईंधन निति की घोषणा केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा 4 जून 2018 को किया गया है।
  • इस निति को राज्य में लागू करने वाला राजस्थान पहला राज्य है। राजस्थान के ग्राम विकास एवं पंचायती राज्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ की अध्यक्षता में 30 जुलाई 2018 संचालित किया गया है।
  • राष्ट्रिय जैव ईंधन निति का उद्देश्य देश में जैव ईंधन के उत्पादन को बढ़ावा देना एवं कच्चे तेल के आयात में कमी लाना है।
  • राजस्थान में भारतीय रेलवे के सहयोग से बायोडीजल प्रोडक्शन प्लांट  की स्थापना की गई है। इस प्लांट की उत्पादन क्षमता 8 टन प्रतिदिन है।
  • राजस्थान में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के तकनिकी सहयोग से सेण्टर फॉर एक्सीलेंस की स्थापना किये जाना प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त बायोडीजल की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए बायोडीजल प्रयोगशाला के साथ हीं बायोफ्यूल एवं ड्राप इन फ्यूल के प्रोडक्शन एवं वितरण की भी कार्ययोजना बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • बायोडीजल पर निर्धारित 12 प्रतिशत जीएसटी में से 6 प्रतिशत सीएसटी मुक्त किये जाने पर विचार किया जाएगा।
  • बायोडीजल प्लांट लगाए जाने वाली भूमि पर स्टाम्प ड्यूटी पर छूट प्रदान करने की भी योजना विचाराधीन है।
  • प्रौद्योगिकी निति के प्रावधानों में बायोडीजल प्लांट की स्थापना करने पर पानी एवं बिजली के बीलों पर प्रारंभिक 10 वर्षों तक छूट देने का प्रावधान शामिल किये जाने की योजना है।

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