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नेशनल पेंशन योजना के नए नियम National Pension Scheme ke Naye Niyam
नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) एक सरकारी पेशन योजना है। जिसे सरकार द्वारा वर्ष 2004 में लागू देश के सभी सरकारी एवं निजी कर्मचारियों के लिए लागू किया गया किया था। योजना के अनुसार सरकारी या निजी सेक्टर में कार्यरत कर्मचारियों को ईम्प्लोयी प्रोविडेंड फंड (EPF) या NPS में से एक में अपने कार्यमुक्त होने की आयु अर्थात 60 वर्ष तक आय का निर्धारित प्रतिशत जमा करना अनिवार्य होता है। यही रकम कर्मचारयों को रिटायरमेंट के बाद जीवन पर्यंत प्रत्येक महीने पेंशन के रूप में प्राप्त होती है। एनपीएस के तहत रिटायरमेंट के बाद इस राशि का 60 प्रतिशत भाग निकालने पर टैक्स का प्रावधान निर्धारित किया गया था। जिसमें अब वर्ष 2018 में संशोधन के बाद टैक्स फ्री कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त अन्य नियमों में भी बदलाव किया गया है। आइये जाने योजना की जानकारी।
एनपीएस क्या है NPS kya hai
सरकारी कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निजी एवं सरकारी क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के लिए लागू की गयी एक रिटायरमेंट प्लान की निवेश योजना है। जिसमें कर्मचारियों द्वारा अपनी मासिक आय का कुछ प्रतिशत प्रत्येक महीने निवेश किया जाता है। जिस पर सरकार द्वारा ब्याज दिया जाता है। ये रकम आपकी भविष्य सुरक्षा कोष की निधि के रूप में आपके नौकरी से रिटायर होने तक बढ़ती रहती है। नौकरी से रिटायर होने पर आपका एनपीएस खाता बंद कर दिया जाता है। अब आप इस निवेश का 60 प्रतिशत अंश एकमुश्त निकाल सकते हैं एवं 40 प्रतिशत अंश से आपको एक वार्षिकी योजना खरीदना होता है। आप चाहें तो पुरे फंड से भी वार्षिकी योजना खरीद सकते हैं।
एनपीएस के नए नियम NPS ke Naye Niyam
- योजना में बदलाव के तहत नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश की तीन वर्ष की अवधि पूरी हो जाने पर निवेशक (कर्मचारी) पेंशन फंड का 25 प्रतिशत कुछ निर्धारित शर्तों पर निकाल सकेंगे। इसके पहले निवेश की 10 वर्ष की अवधि पूरी होने पर हीं फंड आवश्यकता पड़ने पर निकाल सकने का नियम था।
- अपने कार्यकाल की अवधि के दौरान निवेशक कर्मचारी अधिकतम तीन बार फंड निकाल सकता है।
- योजना में बदलाव के तहत नेशनल पेंशन स्कीम के अंतर्गत कर्मचारी का एनपीएस में न्यूनतम योगदान आय का 10 प्रतिशत रकम निर्धारित है और सरकार का योगदान भी 10 प्रतिशत था। जिसे संशोधन के तहत बढ़ाकर सरकार के योगदान को 14 प्रतिशत कर दिया गया है
- एनपीएस के वर्ष 2018 से पूर्व निर्धारित नियम के अनुसार रिटायरमेंट के बाद फंड का 60 प्रतिशत रकम एकमुश्त निकालने पर कर्मचारी को टैक्स देना होता था अब नियम में बदलाव के अनुसार रिटायरमेंट के बाद 60 प्रतिशत रकम एकमुश्त निकालने पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
एनपीएस के तहत फंड निकालने की शर्तें NPS ki Fund Nikalne Ki Sharte
- एनपीएस में निवेश कर रहे सरकारी एवं निजी कर्मचारी अपने कार्यकाल के दौरान निवेश किये गए फंड की राशि का 25 प्रतिशत बच्चों की शादी, उच्च शिक्षा एवं रिहायशी मकान या फ्लैट खरीदने के लिए निकाल सकते हैं।
- मकान या फ्लैट खरीदने के लिए पैतृक मकान के अतिरिक्त यदि किसी कर्मचारी के स्वयं के नाम पर या किसी के साथ पार्टनरशिप में जॉइंट नाम पर मकान या फ्लैट पहले से है। तो वह कर्मचारी एनपीएस फंड से मकान अथवा फ्लैट खरीदने के लिए धनराशी नहीं निकाल सकेगा।
- एनपीएस में निवेश कर रहे कर्मचारी द्वारा ह्रदय रोग, किडनी के खराब होने, कैंसर की बिमारी होने आदि के इलाज के लिए फंड निकाल सकने की छूट होगी।
योजना की अधिक जानकारी यूट्यूब विडियो में देखिये For more information watch YouTube video.
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