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क्या है ? इंद्रा धनुष योजना जाने इसके मुख्य लक्ष्य और कारण |
यह योजना प्रधानमंत्री जी ने शुभारम्भ की थी मिशन इंद्रधनुष ( Mission Indhradhanush Yojna ) का प्रमुख लक्ष्य दो साल तक के बच्चों को और गर्भवती महिलाओं को सम्पूर्ण टीकाकरण कराना है। यह मिशन, टीकाकरण के काम में तेज़ी लाने और देश के सभी बच्चों कुपोषण से रहित करना और सभी बच्चो का सम्पूर्ण टीकाकरण करने के लिए शुरू किया गया है|
मिशन इंद्रधनुष (Mission Indhradhanush ) की रूपरेखा बहुत सोच-विचार करके बनायी गई है, ताकि इससे बच्चो और गर्भवती महिलाओ की स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत बने और उसकी यह मजबूती भविष्य में भी बरकरार रखने के उद्देश्य से शुरू की गई है । पिछले कुछ बरसों से,सम्पूर्ण भारत में सम्पूर्ण टीकाकरण के काम को पूरा करने के लिए मिशन इंद्रधनुष (MissionIndradhanush ) में केवल एक प्रतिशत के हिसाब से ही सालाना बढ़ोत्तरी हुई है।
भारत सरकार ने देश के 28 राज्यों के 201 ऐसे जि़लों की पहचान की है,जिनमें अधूरे टीकाकरण की व्यवस्था कराने वाले (partially immunized) और टीकाकरण से पूरी तरह से वंचित (unimmunized) बच्चों और गर्भवती महिलाओ की संख्या सबसे ज्यादा है देखीं गई है बस इस सब को देखते हुए मिशन इंद्रधनुष ( MissionI ndhradhanush )की शुरुवात की योजना बनाई गई थी जो सम्पूर्ण भारत में पूरी होती हुई नजर आ रही है ।
मिशन इंद्रधनुष ( Mission Indradhanush )के तहत, विशेष टीकाकरण अभियानों के जरिये देश में नियमित टीकाकरण करने की योजना को बेहतर बनाने के लिए इन 201 जिलों पर खास ध्यान जा रहा है ।
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मिशन इंद्रधनुष ( Mission Indradhanush ) की महत्वपुर्ण जानकारी |
- सभी बच्चो को, बचपन में होने वाली ऐसी सभी बीमारियों से बचने के लिए सम्पूर्ण टीकाकरण करवाने का हक सभी लोगो तथा सभी भारतीयों को है, जिससे बच्चो को सभी बिमारियो से बचाया जा सकता है ।सभी बच्चे को यह हक देने के लिए भारत सरकार ने 1985 में सम्पूर्ण टीकाकरण मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम (UIP) की शुरूआत की थी,जो दुनिया भर में कुपोषण बच्चो के लिए और उन्हें कुपोषण रहित बनाने के लिए सबसे बड़े स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक है जो अब एक बड़े पैमाने पर कार्य करने की ओर गतिशील ह
- यूआईपी ( Usual interstitial pneumonia ) को पिछले 30 साल से चलाया जा रहा है। इसके बाद भी अभी तक सिर्फ 65 प्रतिशत बच्चों का ही उनके जीवन के पहले साल में सम्पूर्ण टीकाकरण किया जा सका है। लकिन अब इन 5 साल में मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम के तहत सम्पूर्ण टीकाकरण में बढ़ोत्तरी हुई है जो हर साल औसतन 1 प्रतिशत से आगे बढ़ रही है।
- Mission indradhanush कार्यक्रम को मजबूती देने और सभी बच्चों का जल्द से जल्द सम्पूर्ण टीकाकरण करने और कुपोषण रहित बनाने के लिए भारत सरकार ने दिसम्बर 2014 में मिशन इंद्रधनुष (Mission Indradhanush ) का शुभारम्भ किया ।
- मिशन इंद्रधनुष में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि दो साल तक के सभी बच्चों और गर्भवती महिलाओं का सम्पूर्ण टीकाकरण किया जाए।
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मिशन इंद्रधनुष के तहत जाने सम्पूर्ण टीकाकरण कराना क्यों जरुरी है|
- हम आसान से शब्दो में कहें, तो टीकाकरण कराना इसलिए जरूरी है, क्योंकि कुपोषण से जो बच्च्चो की मौत हो रही या होती है तो इस टीकाकरण के माद्यम से हम इस अनुपात में कमी ला सकते है तथा बच्चो को कुपोषण से बचाकर इस अनुपात को कम किया जा सकता है | और सभी बच्चो को बचाया जा सकता है
- भारत में हर साल 5 लाख बच्चों की मौत कुपोषण और हैजा जैसी बीमारियों से हो जाती है तो इन बीमारियों से मिशन इंद्रधनुष के माद्यम से इस टीकाकरण की मुहीम को आगे बढ़ाकर और सभी बच्चो को टिका लगाकर बचाया जा सकता है |
- इसके अलावा 89 लाख बच्चों को बीमारियों का खतरा इसलिए है, क्योंकि उन्हें उन बीमारियों से बचाव का एक भी टीका नहीं लगा है (unimmunized) या अधूरे टीके (partially immunized) लगे हैंअगर उन्हें इस मुहीम से समय समय पर उनका टीकाकरण किया जाये तो उन्हें बचाया जा सकता है ।
- अधूरा टीकाकरण कराने वाले और टीकाकरण से पूरी तरह वंचित बच्चों में बचपन में होने वाली बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा होता है। सम्पूर्ण टीकाकरण कराने वाले बच्चों की तुलना में इनकी मौत का अंदेशा ज्यादा होता है। टीकाकरण सिर्फ बच्चों की जिंदगी ही नहीं बचाता, बल्कि यह बीमारियों को बड़े पैमाने पर फैलने से रोकने में मदद भी कर सकता है। इसके अलावा, इससे बीमारी को दूसरे इलाकों में फैलने से रोकने में भी मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं, टीकाकरण स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने में भी मदद करता है।
- इसलिए अगर हम शिशु मृत्यु दर (infant mortality) में कमी लाना चाहते हैं और सामाजिक-आर्थिक इंडिकेटर्स के लिहाज से आगे बढ़ना चाहते हैं, तो सम्पूर्ण भारत में मिशन इंद्रधनुष योजना के तहत टीकाकरण अभियान को हमें इसके प्रति जागरूक होना पड़ेगा |
मिशन इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण सत्र की योजना तैयार करना |
- सहायक नर्स मिडवाइफ (ANM), प्रत्यायित सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (ASHA) और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (AWW) की मदद से टीकाकरण सत्रों की माइक्रो प्लानिंग करती हैं। इलाके की सभी माताओं और बच्चों के नामों की गिनती करती हैं। यह काम सभी गांवों और टोलों समेत सब-सेंटर एरिया (Sub-center area) का मैप तैयार करके बड़ी सावधानी से किया जाता है।
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (AWW) और प्रत्यायित सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (ASHA) गांव के लोगों में से ही होती हैं, इसलिए उनके पास गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण के बारे में अहम रिकॉर्ड होते हैं। हरेक सत्र से पहले, इसी रिकॉर्ड के आधार पर ‘ड्यू लिस्ट’ (due-list) तैयार की जाती है।
- इसके बाद प्रत्यायित सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (ASHA) और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (AWW) की मदद से सहायक नर्स मिडवाइफ (ANM) पंचायत के सदस्यों, स्कूली शिक्षकों और गांव के बुजुर्गों को सम्पूर्ण टीकाकरण की महत्वपूर्ण जानकारी देती है। उन्हें बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकरण कराने के लिए प्रेरित करती हैं और उन्हें इकट्ठा करती हैं।
टीकाकरण सत्र का आयोजन को किस तरह से समझाया जाता है माताओ को
- टीकाकरण सत्र वाले दिन सहायक नर्स मिडवाइफ (Auxiliary Nurse Midwifery) टीकाकरण करने वाली जगह सारी तैयारियां सुनिश्चित करती है।
- वह वहा पर आने वाली सभी माताओं का अभिवादन करती है, बच्चे को कब टिका लगाया था उस टीकाकरण के रिकॉर्ड और बच्चे की आयु की जांच करती है और उन्हें समझाती है कि बच्चे को कौन सा टीका लगेगा और उस टीके से किस बीमारी की रोकथाम होगी। कड़े सुरक्षा उपायों के तहत, सहायक नर्स मिडवाइफ (ANM) प्रत्येक टीके के लिए ऑटो डिस्पोजेबल सिरिंज (Auto-Disable (AD) syringes) का इस्तेमाल करती है। वह इस्तेमाल की गई सभी सुइयों और सिरिंजों को दिशानिर्देशों के मुताबिक सुरक्षित तरीके से नष्ट कर देती है।
- टीकाकरण के बाद बच्चे को आधे घंटे तक निगरानी में रखना बहुत जरुरी होता है। सहायक नर्स मिडवाइफ (ANM), अभिभावक को टीके के बारे में जरूरी जानकारी देती है। तथा टीके के बाद होने वाले हल्के बुखार और उसके उपचार के बारे में भी बताती है।वह टीकाकरण कार्ड में अगले टीके की तारीख दर्ज करती है। उन्हें बताती है कि अगली बार टीका अब लगवाने कब आना है।
- भारत की स्वास्थ्य प्रणाली, स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव का सामना कर रहे लोगों की जरूरते पूरी करने की कोशिशों में जी-जान से जुटे लोगों की ही मेहनत का नतीजा है ।
- ज़मीनी स्तर पर (Mission Indradhanush ) मिशन इंद्रधनुष की जिम्मेदारी तीन प्रमुख कार्यकर्ताओं- ‘3 ए‘(3 A’s) पर होती है:-
- एएनएम (ANM) – (सहायक नर्स मिडवाइफ)
ए एस एच ए (ASHA) -आशा (प्रत्यायित सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता)
ए डब्ल्यू डब्ल्यू (AWW) -आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
ये जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की और मिशन इंद्रधनुष (Mission Indradhanush ) क्या है इसकी जानकारी और सेवाएं देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
मिशन इंद्रधनुष के तहत विशेष टीकाकरण अभियानों के संचालन की जिम्मेदारी इन्हीं तीनों स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर है। मिशन की कामयाबी के लिए इन तीनों की भूमिका सबसे बढ़कर है।
और आप इस वीडियो के द्वारा भी मिशन इंद्रधनुष को समझ सकते है |
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