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Change In 8 State Backward Caste List 8 राज्यों की अन्य पिछड़ी जाति सूचि में बदलाव
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मंत्रिमंडल की बैठक में अन्य पिछड़ी जाति की केन्द्रीय सूचि में 15 नयी जातियों को शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दिया गया है। दरअसल प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रीमंडल की बैठक में पिछड़ी जाति राष्ट्रिय आयोग द्वारा देश के 8 राज्यों की पिछड़ी जाति सूचि में कुल 28 बदलाव किये जाने की माँग की गयी थी। राष्ट्रिय अन्य पिछड़ी जाति आयोग (NCBC) के अध्यक्ष के अनुसार अन्य पिछड़ी जाति समूह को चार श्रेणियों सर्वाधिक पिछड़ा, अधिक पिछड़ा एवं पिछड़ा वर्ग समूह में विभाजित करने की आवश्यकता है। ये विभाजन जातियों की जनसँख्या के आधार पर किया जाना चाहिए। ताकि आरक्षण एवं योजनाओं का लाभ जरुरतमंदों तक पहुँच सके। केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अन्य पिछड़ी जाति सूचि में 15 नयी जातियों को शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया है। इसके अलावा 13 अन्य जातियों में बदलाव करने को भी मंजूर कर लिया गया। इस प्रस्ताव को पास करने का उद्देश्य सर्वाधिक पिछड़े वर्ग को लाभ पहुँचाना है। आइये जाने पिछड़ी जाति सूची से सम्बंधित जानकारी।
अन्य पिछड़ी जाति की सूचि में बदलाव वाले राज्य Other Backward Caste List Mein Badlav Wale State
8 राज्यों की पिछड़ी जाति सूचि में 15 अतिरिक्त जातियों को शामिल किये जाने वाले राज्यों के नाम निम्नलिखित हैं :
- मध्य प्रदेश
- हिमांचल प्रदेश
- बिहार
- असम
- झारखंड
- महाराष्ट्र
- जम्मू कश्मीर
- उत्तराखंड
इन राज्यों की अन्य पिछड़ी जाति सूचि में किये गए 28 बदलाव में 15 नयी जातियों को अन्य पिछड़ी जाति में शामिल करना है ,13 अन्य जातियों में सुधार होना है। जिनमें से 9 जातियों की उपजातियों में सुधार होना है। इन सुधारों के क्रम में महाराष्ट्र राज्य के खटिक समाज को अन्य पिछड़ी जाति समूह से निकाल कर अनुसूचित जाति में शामिल किये जाने की माँग की जा रही है। इस समूह की दलील है कि खटिक समाज मुर्गी ,भेड़,बकरी, सूअर, मछली आदि का पालन करते हैं। इन जानवरों के माँस, बाल एवं खाल को बेचकर अपना जीवन यापन करते हैं। महाराष्ट्र अनुसूचित जाति के उपाध्यक्ष द्वारा खटिक समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने हेतु मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया है। राष्ट्रिय पिछड़ी जाति आयोग द्वारा भी सर्वाधिक पिछड़ी जाति समूह को अनुसूचित जाति में शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है।
मध्य प्रदेश शासन द्वारा जारि की गई अन्य पिछड़ी जाति सूचि देखने के लिए लिंक का प्रयोग करिए।
OBC List Mein Sanshodhan Se Labh अन्य पिछड़ी जाति सूचि में संशोधन से लाभ
- नयी जातियों को अन्य पिछड़ी जाति में शामिल करने से सर्वाधिक पिछड़ी जाति समूह को शिक्षा एवं रोजगार के क्षेत्र में सरकार द्वारा निर्धारित आरक्षण का लाभ प्राप्त हो सकेगा।
- आरक्षण की हकदार समूह की आर्थिक एवं शैक्षिक स्थिति में सुधार होगा।
- शैक्षिक संस्थानों में ओबीसी वर्ग को मिलने वाली छात्रवृत्ति का लाभ प्राप्त हो सकेगा।
- केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के सब्सिडी का लाभ प्राप्त हो सकेगा। जिससे समाज एवं देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।
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