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Aatam nirbhar Bharat Package Se Middle Class ko labh आत्मनिर्भर भारत पैकेज से मिडिल क्लास को लाभ
कोरोना महामारी संकट के कारण देशव्यापी लॉकडाउन जारी है। लॉक डाउन अवधि में सभी कार्यालय एवं उद्योग बंद होने से देश की अर्थव्यवस्था आर्थिक नुक्सान के दौर से गुजर रही ही है। अब लॉक डाउन के चौथे चरण में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लॉक डाउन में ढील दिए जाने की घोषणा की गयी है। इसके साथ हीं अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाने के लिये 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकज की घोषणा की गयी है। प्रधानमंत्री ने इस पॅकेज को आत्मनिर्भर भारत पैकेज का नाम दिया है। प्रधानमंत्री के अनुसार आत्मनिर्भर भारत पैकेज में सभी वर्गों का हिस्सा निहित है। 20 लाख करोड़ के पैकज में से 6 लाख करोड़ के राहत पॅकेज की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 13 मई 2020को किया गया है। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के 6 लाख करोड़ के पैकेज में मिडिल क्लास को राहत पहुॅचाने के लिए 5 बड़ी घोषणा की गयी है। आइये देखें इस पैकेज से देश के मध्यमवर्गीय नागरिकों को क्या फायदा होगा।
Tax Relief टैक्स भरने में राहत
- वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए सभी आय कर रिटर्न भरने की समयसीमा को 31 जुलाई 2020 और 31 अक्टूबर 2020 से बढ़ाकर 30 नवम्बर 2020 कर दिया गया। है
- इसके अलावा डायरेक्ट इनकम टैक्स के विवादित मामलों के निपटारे की अंतिम तिथि को बढ़ा कर 31 दिसम्बर 2020 कर दिया गया है। गौरतलब है कि डायरेक्ट टैक्स से सम्बंधित विवादित मामलों के निपटारे के लिए विवाद से विश्वास योजना लागू की गयी थी। योजना के तहत डायरेक्ट टैक्स से सम्बंधित विवादित पेंडिंग मामलों के टैक्स की राशि को जमा करने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2020 निर्धारित की गयी थी। निर्धारित समय -सीमा के अन्दर टैक्स नहीं जमा करने पर जुर्माने का प्रावधान किया गया था। अब इस योजना के तहत लंबित कर को जमा करने की तिथि को बढ़ा दिया गया है। यानी अब 31 दिसम्बर 2020 तक टैक्स जमा करने पर भी कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं जमा करना होगा।
Relief in PF contribution पीएफ कंट्रीब्यूशन में राहत
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत आने वाले सभी नियोक्ताओं और कर्मचारियों (एम्प्लायर और एम्प्लोयी) की पीएफ फंड में कॉन्ट्रिब्यूशन की राशि 12% से घटा कर 10% कर दिया गया है। इस नियम को कोरोना संकट में कर्मचारियों को राहत पहुंचाने के लिए अगले तीन महीने के लिए लागू किया गया है। पीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन के इस नियम को 15 हज़ार से अधिक सैलरी वाले कर्मचारियों के लिए लागू किया गया है।
यानी अगले तीन महीने तक नियोक्ता और कर्मचारी दोनों की ओर से पीएफ में 12% के स्थान पर 10% राशि डाली जायेगी। इस प्रकार 2-2% पीएफ की रकम कम कटेगी। जिससे कुल 4 % पीएफ वाली रकम सैलरी में जुड़कर इन हैण्ड मिलेगी।
Rebate in TDS deduction टीडीएस कटौती दर में कमी
आय स्त्रोतों पर टैक्स की कटौती को टीडीएस (tax deduction at source) टैक्स कहते है। टीडीएस की कटौती किसी व्यक्ति की सैलरी, कमिशन, प्रोफेशनल फीस,ब्याज, किराए से हुए इनकम पर टैक्स के रूप में काटी जाती है। व्यक्ति की स्त्रोत सैलरी से टीडीएस टैक्स की राशि काटने के बाद सैलेरी दी जाती है।
अब लॉक डाउन के कारण आर्थिक संकट से उबरने के लिए सरकार द्वारा टीडीएस कटौती दर में 25% की कमी कर दी गयी है। इससे कर्मचारियों की आय में वृद्धि होगी। उदाहरण के तौर पर यदि किसी व्यक्ति की आय पर 100 रु टीडीएस की कटौती होती है, तो अब उसकी आय से 75 रु हीं कटेंगे। टीडीएस कटौती में कमी का प्रावधान 13 मई 2020 से हीं लागू कर दिया गया है। इस नियम को अगस्त 2020 तक के लिए लागू किया गया है।
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