राजीव गाँधी किशोरी सशक्तिकरण योजना – सबला को केंद्र की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में राजीव गाँधी योजना के तहत 2010 में शुरू करने की घोषणा की गई थी।
इस योजना के तहत किशोरी (11-18 वर्ष) की बालिकाओं को शारीरिक तथा मानसिक रूप से सबल बनाने के कार्यक्रम निर्धारित किये गए हैं। इस योजना को कार्य रूप में परिणित 1 अप्रैल 2011 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर किया गया था।
वर्ष 2011 में इस योजना को 200 जिलो में लागू किया गया था। इसके बाद 2017 में इस योजना के तहत 303 जिले और शामिल किये गए। अब इस योजना के लाभ से वंचित देश के अन्य क्षेत्र में लागू करने के लिए वर्ष 2018 में इसके विस्तार की योजना बनाई गयी है।
इस योजना के संचालन की जिम्मेदारी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की अध्यक्ष श्रीमती मेनका संजय गाँधी को सौपी गयी है। राजीव गाँधी किशोरी सशक्तिकरण योजना के साथ बाल विकास सेवा योजना (ICDS) और किशोरी शक्ति योजना (KSY) को भी जोड़ दिया गया है।
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सबला योजना का उद्देश्य (Objective Of Sabla Yojana):
- इस योजना के तहत किशोरियों तथा युवा बालिकाओं को उनके उत्तम स्वास्थ हेतु उनके लम्बाई के अनुपात में वजन तथा हरमोन के बदलाव के कारण शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की आवश्यकता की जानकारी देना है।
- किशोरा अवस्था के दौरान स्वास्थ, स्वच्छता, पोषण तथा प्रजनन तंत्र और यौन स्वास्थ (ARSH) एडोलसेंट रिप्रोडक्टिव एंड सेक्सुअल हेल्थ की जानकारी देना। युवा बालिकाओं को परिवार तथा शिशु की देख-रेख सम्बन्धी जानकारी देना है।
- युवा बालिकाओं के आत्मविकास और सशक्तिकरण हेतु उन्हें जागरूक करना।
- युवा और किशोरी बालिकाओं को गृह कौशल, व्यवसायिक कौशल का प्रशिक्षण देना, जिससे उनका जीवन बेहतर हो सके।
- युवा और किशोरी बालिकाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने हेतु उन्हें प्राइमरी हेल्थ केयर (PHC), चाइल्ड हेल्थ केयर (CHC), डाक घर (पोस्ट ऑफिस), पुलिस चौकी (पुलिस स्टेशन) तथा बैंक आदि के विषय में जानकारी देना है।
सबला योजना का लक्ष्य (Aim Of Sabla Yojana):
- इस योजना के अंतर्गत 2011 में 202 जिले की 11-18 वर्ष तक की सभी किशोरी (एडोलसेंट) बालिकाओं को शामिल किया गया था।
- इसके बाद इस योजना के तहत बालिकाओं को आयु के आधार पर 11-14 वर्ष तथा 14-18 वर्ष के ग्रुप में विभाजित कर दिया गया। जिससे उनको आयु के आधार पर प्रसिक्षण दिया जा सके।
- ज्यादातर स्कूल जाने वाली बालिकाएं हीं आंगनवाड़ी कार्यक्रम में भी शामिल होती है जहाँ उन्हें शिक्षा, पोषण तथा सामाजिक क़ानूनी मुद्दों की जानकारी प्राप्त होती हैं।
- इस योजना के तहत उन सभी किशोरी और युवा बालिकाओं पर भी ध्यान दिया जायेगा। जिन्होंने स्कूल जाना छोड़ दिया है तथा सरकार द्वारा संचालित किये गए आंगनवाड़ी कार्यक्रम में शामिल होती हैं।
सबला योजना के तहत प्रदान की जाने वाली सेवाएं (Service Provided Under Sabla Scheme):
इस योजना के अंतर्गत दी जाने वाली सेवाओं को दो भाग में विभाजित किया गया है:
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पोषण ग्रुप :
इस भाग के तहत 11-14 वर्ष की स्कूल नहीं जाने वाली बालिकाएं तथा 14-18 वर्ष कीस्कूल छोड़ चुकी और स्कूल जाने वाली सभी बालिकाएं शामिल की गयी हैं।
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गैर पोषण ग्रुप:
इस ग्रुप के तहत 11-18 वर्ष की सभी स्कूल नहीं जाने वाली एडोलसेंट बालिकाएं शामिल की गयीं है। इन बालिकाओं के स्वास्थ रक्षा तथा सशक्तिकरण हेतु सरकार द्वारा निम्नलिखित सेवाओं का निर्धारण किया गया है:
- स्वास्थ व पोषण सम्बन्धी ओषधि आयरन और फोलिक एसिड सप्लीमेंट (IFA) वितरित करने का निर्धारण आंगनबाड़ी कार्यक्रम के माध्यम से किया गया है।
- एडोलसेंट बालिकाओं के स्वास्थ की जाँच गाँव के प्राथमिक चिकित्सा केंद्र द्वारा करना तथा यदि कोई रोग हो तो सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में उपचार, देखभाल और परामर्श की सेवाएं उपलब्ध करना।
- पोषक तत्वों की जानकारी तथा स्वास्थ सम्बन्धी शिक्षा प्रदान करना।
- परिवार कल्याण,शिशु की सुरक्षा तथा देखभाल, किशोर प्रजनन और यौन स्वास्थ आदि के विषय में सलाह तथा मार्गदर्शन करना।
- जीवन कौशल तथा सामाज सेवा सम्बन्धी प्रशिक्षण देना।
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16-18 वर्ष की सभी बालिकाओं :
राष्ट्रिय कौशल विकास कार्यक्रम के तहत 16-18 वर्ष की सभी बालिकाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण देना।
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11-18 वर्ष स्कूल जाने वाली एडोलसेंट बालिकायें:
- पोषक तत्व और स्वास्थ प्रशिक्षण (NHE) की जानकारी देना।
- परिवार कल्याण,शिशु की सुरक्षा तथा देखभाल, किशोर प्रजनन और यौन स्वास्थ आदि के विषय में सलाह तथा मार्गदर्शन करना।
- जीवन कौशल तथा सामाज सेवा सम्बन्धी प्रशिक्षण देना।
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सबला योजना की विशेषताएं ( Features Of Sabla Scheme):
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किशोरी समूह का संगठन :
इस समूह के अंतर्गत 15-25 वर्ष तक की बालिकाओं को सम्मिलित किया जाता है। इस समूह का संगठन इस दशा में किया जाता है। जब कि गाँव में 7 से कम आंगनवाड़ी सेंटर होते हैं।
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प्रशिक्षण सामग्री (Training Kit):
सबला योजना के अंतर्गत सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्रशिक्षण किट दी जाती है। जिसमें स्वास्थ, पोषण, शिक्षा और सामाजिक तथा क़ानूनी मुद्दों को जानने तथा समझने की जानकारी होती है। इस ट्रेनिंग किट की लागत 10,000 रूपए है। इस किट में कई प्रकार के खेल द्वारा प्रशिक्षण उपलब्ध कराने जैसी सामग्री भी शामिल है।
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किशोरी दिवस का आयोजन (kishori दिवस का aayojan):
सबला योजना के बेहतर क्रियान्वयन तथा समन्वय हेतु आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सरकार द्वारा निर्धारित किये गए हर तीसरे महीने किशोरी दिवस मनाया जाता है।
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किशोरी कार्ड (Kishori card):
- इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक किशोरी बालिका को एक किशोरी कार्ड दिया जाता है। इस कार्ड का प्रबंधन आंगनबाड़ी केन्द्रों द्वारा किया जाता है।
- इस कार्ड में किशोरा अवस्था की आयु के दौरान शरीर के वजन, ऊँचाई, आयरन फोलिक एसिड, सप्लीमेंट्स की आवश्यक मात्रा तथा सामुदायिक स्वास्थ केंद्र और स्वास्थ जांच की सेवा सबला योजना के तहत किशोरी द्वारा लिए जाने के बारे में जानकारी होती है।