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SBI Saving Account-Minimum Balance Penalty Rules एसबीआई बचत खाता- न्यूनतम बैलेंस जुर्माना के नियम
देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया का बचत खाता की मासिक न्यूनतम बैलेंस राशि की सीमा अन्य सरकारी बैंकों के मुकाबले ज्यादा है। इस समय एसबीआई बचत खाता की न्यूनतम औसत मासिक बैलेंस राशि की अधिकतम सीमा रूपए 3,000 मासिक है। बैंक अपने शाखा के बचत खाता के मासिक न्यूनतम बैलेंस नियम में बदलाव करने पर विचार कर रहा है। आइये जाने एसबीआई के न्यूनतम औसत मासिक बैलेंस के नियम की जानकारी।
SBI Saving Account Minimum Balance Requirements And Penalty Charges एसबीआई सेविंग अकाउंट मिनिमम बैलेंस रिक्वायरमेंट और पेनल्टी चार्ज
एसबीआई की देश भर में चार प्रकार की शाखाएं हैं। महानगरी शाखा , नगरीय शाखा, अर्ध – नगरीय शाखा एवं ग्रामीण शाखा इन शाखाओं के आधार पर सेविंग अकाउंट की न्यूनतम औसत मासिक बैलेंस को बनाए रखना आवश्यक होता है। यदि बैंक द्वारा निर्धारित न्यूनतम औसत मासिक बैलेंस की राशि ग्राहक द्वारा मेन्टेन नहीं रखा जाता है, तो बैंक अपने नियमानुसार जुर्माने खाते की जमा राशि में से काटती रहती है।
1 अप्रैल, 2018 को लागू हुए SBI के बचत खातों के लिए नवीनतम औसत मासिक बैलेंस नियम के अनुसार एसबीआई की उपर्युक्त चार शाखाओं की न्यूनतम औसत मासिक बैलेंस की राशि एवं जुर्माना की रकम :
- एसबीआई महानगरीय शाखा एवं नगरीय क्षेत्र की शाखा के बचत खाता में रूपए 3,000 न्यूनतम औसत बैलेंस बनाए रखना आवश्यक होता है।
- अर्ध-नगरीय क्षेत्र की एसबीआई शाखा में न्यूनतम औसत बैलेंस रूपए 2,000 बनाए रखना आवश्यक होता है।
- एसबीआई ग्रामीण क्षेत्र की शाखा में न्यूनतम औसत बैलेंस रूपए 1,000 बनाये रखना आवश्यक होता है।
SBI Account Penalty Charges In Metro And Urban Branch
एसबीआई अकाउंट शहरी एवं ग्रामीण शाखा के पेनल्टी चार्ज
- महानगर एवं नगर के एसबीआई शाखा के खाते में रूपए 3,000 औसत मासिक न्यूनतम राशि बनाये रखने के सन्दर्भ में यदि खाताधारक रूपए 1500 या उससे कम बैलेंस शेष रखता है, तो बैंक द्वारा उसके खाते से मासिक रूपए 10 + गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) जुर्माना राशि के रूप में लिया जाता है। यदि खाता धारक द्वारा औसत न्यूनतम शेष राशि का आधे से अधिक एवं 75% तक मासिक औसत न्यूनतम राशि शेष रखा जाता है, तो बैंक द्वारा रूपए 12+ गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) जुर्माना राशि के रूप में लिया जाता है। यदि मासिक औसत न्यूनतम शेष राशि 75% से कम खाते में शेष रहता है, तो मासिक रूपए 15+ GST जुर्माना राशि बैंक द्वारा खाते से लिया जाता है।
- अर्ध शहरी क्षेत्र के एसबीआई शाखा के खाते में रूपए 2,000 औसत मासिक न्यूनतम राशि बनाए रखने के सन्दर्भ में यदि खाताधारक रूपए 1000 या उससे कम बैलेंस शेष रखता है, तो बैंक द्वारा उसके खाते से मासिक रूपए 7.50 + गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) जुर्माना राशि के रूप में लिया जाता है। यदि खाता धारक द्वारा औसत न्यूनतम शेष राशि का आधे से अधिक एवं 75% तक मासिक औसत न्यूनतम राशि शेष रखा जाता है, तो बैंक द्वारा रूपए 10+ गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) जुर्माना राशि के रूप में लिया जाता है। यदि मासिक औसत न्यूनतम शेष राशि 75% से कम खाते में शेष रहता है, तो मासिक रूपए 12+ GST जुर्माना राशि बैंक द्वारा खाते से लिया जाता है।
- ग्रामीण क्षेत्र के एसबीआई शाखा के खाते में रूपए 1,000 औसत मासिक न्यूनतम राशि बनाए रखने के सन्दर्भ में यदि खाताधारक रूपए 500 या उससे कम बैलेंस शेष रखता है, तो बैंक द्वारा उसके खाते से मासिक रूपए 5.00 + गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) जुर्माना राशि के रूप में लिया जाता है। यदि खाता धारक द्वारा औसत न्यूनतम शेष राशि का आधे से अधिक एवं 75% तक मासिक औसत न्यूनतम राशि शेष रखा जाता है, तो बैंक द्वारा रूपए 7.50 + गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) जुर्माना राशि के रूप में लिया जाता है। यदि मासिक औसत न्यूनतम शेष राशि 75% से कम खाते में शेष रहता है, तो मासिक रूपए 10+ GST जुर्माना राशि बैंक द्वारा खाते से लिया जाता है।
एसबीआई खाते द्वारा निर्धारित मासिक औसत न्यूनतम शेष राशि न बनाये रखने पर खाता धारक के खाते से वसूली जाने वाली जुर्माने की राशि को नीचे चित्र द्वारा भी समझा जा सकता है-
वित्तीय वर्ष 2017-18 के आठ महीनों में एसबीआई खाताधारकों द्वारा बचत खाते में अपर्याप्त मासिक औसत न्यूनतम शेष राशि के लिए ग्राहकों से 1,771.67 करोड़ रुपये की कमाई की गयी थी। जिसके लिए एसबीआई की आलोचना की गई थी। यह राशि वित्त वर्ष 18 में एसबीआई के सितंबर तिमाही के लाभ से अधिक थी।
जिसके फलस्वरूप एसबीआई द्वारा खाते में मासिक औसत न्यूनतम शेष राशि के नियम को बदल कर तिमाही औसत न्यूनतम शेष राशि बनाए रखने के नियम को लागू करने पर विचार किया जा रहा है। जिसके भविष्य में लागू होने की आशा की जा सकती है।
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